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मौत किसी को मोहलत नहीं देती-Mout Kisi Ko Mohlat Nahi Deti-Hindi Ghazal-best hindi Ghazal by ℕ 𝕂𝕦𝕞𝕒𝕣


देती है सही किसी को, गलत नहीं देती। 
तकदीर हर किसी को शोहरत नहीं देती। 

खुदा ने खुद बनाई है, दुनिया ही ऐसी, 
करने यहाँ किसी को हूकूमत नहीं देती। 

देती है सर पे ताज कई बार रखने लेकिन, 
सिकंदर के जैसे सबको किस्मत नहीं देती।

पहले कहती थी जो है सब तुम्हारा है, 
वो लड़की अब मुझको वक्त नही देती! 

चाहती है खरीदना बेशक मुझे लेकिन, 
मुझको वो मेरी सही, कीमत नहीं देती! 

दो सांसें खरीद ले कोई जीने के लिये, 
किस्मत कभी इतनी, दौलत नहीं देती। 

आती हैं तो जाना ही पड़ता है, "कुमार"
ये मौत किसी को, मोहलत नही देती... 

© एन. कुमार "साहब"


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2 Comments

fiza Tanvi

15-Dec-2021 07:04 PM

Sahi kaha ammi ijazat nhi deti like krne ki .mujhe di he .ijzat mai kr rahi hu or padh bhi rahi hu......

Reply

Sana Khan

06-Dec-2021 07:00 PM

Waao

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